World Aids Day: जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस

World Aids Day: जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस

World Aids Day 2018, 1 दिसम्बर 2018 को शनिवार को मनाया जायेगा। हर वर्ष 1 दिसम्बर को विश्‍व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन हर शहरों और गांवों में जगह-जगह पर लोगो को एड्स के बारे में जागरूक करने के लिए कई आयोजन होते है। आज भी कई लोग HIV और एड्स के बारे में बात करने में कतराते है।

लोगो का अभी भी मानना है की एड्स छूने से फैलता है। जब की ये बिलकुल गलत है। एड्स जैसे गम्भीर रोग के बारे में जागरूक होकर इससे बचा जा सकता है। सरकार इस तरफ बहुत पहल कर रही है।

सरकार और कई संगठनों द्वारा एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए बहुत सारे कैम्पेन और अभियान चलाये जा रहे है। 1988 से 1 दिसम्बर को विश्‍व एड्स दिवस के रूप में मनाना अनिवार्य कर दिया गया था। वैसे इसकी ओपचारिक घोषणा 1987 में ही कर दी गयी थी।

Aids Day को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। सरकारी कार्यालयों में इस दिन विशेष रूप से प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता है जिसमे सरकारी कर्मचारियों द्वारा एड्स के प्रति लोगो को कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की जाती है। जानते है  World Aids Day के बारे में।

World Aids Day: जाने विश्व एड्स दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य एवं जानकारियां

Aids से जुड़े तथ्य

  • एड्‌स का पूरा नाम ‘ऐक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिन्ड्रोम’ है। एड्स का खतरा सिर्फ युवाओं में ही नही बल्कि हर उम्र के लोगो को होता है। अगर गर्भवती महिला को एड्स की बीमारी है तो इसका असर उसके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी देखने को मिल सकता है।
  • जानकारी के अभाव में कई लोग एड्स जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे है। बहुत सारे अभिनेता भी एड्स के खिलाफ छिड़ी जंग में हिस्सा लेकर एड्स जैसी बीमारी के लिए लोगो को जागृत करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।
  • मीडिया के माध्यम से भी लोगो तक इसकी जानकारियाँ प्रदान करवाई जा रही है।
  • लोगो का आज भी ये मानना है की एड्स एक गन्दी बीमारी है और ऐसे लोग एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को बहुत ही घृणा की नजर से देखते है। इस वजह से भी लोग इस बात को स्वीकारना नही चाहते की उन्हें एड्स है।
  • जहाँ विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है वहीं आज भी लोगो के मन में एड्स के प्रति इस हीन भावना को पूरी तरह निकाल पाने में हम अभी तक सफल नही हो पाए है। जिन गाँवों में आज भी एड्स के प्रति लोगो को जानकारी का अभाव है उस वर्ग में आपको एड्स के ज्यादा मरीज़ देखने को मिलेंगे।
  • एड्स जैसी गंभीर बीमारी के होने के कई सारे कारण है इन कारणों पर अगर ध्यान दिया जाये तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। एड्स का इलाज भी किया जा सकता है।
  • कई ऐसे संस्थान और हॉस्पिटल है जो एड्स के मरीज़ो को ठीक करने के लिए हरदम प्रयासरत रहते हैं। उचित उपचार के माध्यम से एड्स के मरीज़ भी आम लोगो की तरह जीवन जी सकते है। आज कल स्कूलों में भी बच्चों को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाये जा रहे है।
  • घरो में भी अगर पेरेंट्स अपने बच्चों को इसके प्रति जागरूक करेंगे तो इस बीमारी को बढने से रोका जा सकता है पर हमारे यहाँ बहुत से माता-पिता बच्चों के सामने एड्स के बारे में बात करने में भी कतराते है जबकि अगर उन्हें इसके बारे में समझाया जाये तो इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • एड्स की बीमारी (इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम या एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो वायरस) की वजह से होती है जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है इस रोग को एड्स के नाम से पहली बार 27 जुलाई 1982 को जाना गया था।
  • एड्स संक्रमण के कारण होने वाला एक महामारी रोग है। ये रोग धीरे धीरे व्यक्ति को अंदर से कमजोर करने लगता है। एड्स के इलाज के प्रति जानकारी के अभाव में इससे ग्रस्त व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इसलिए HIV पॉजिटिव होने पर बिना शर्म किए हुए चिकित्सक से सही और उचित उपचार आवश्यक होता है। आज एड्स का इलाज होना संभव हो गया है अब एड्स का मरीज सामान्य जीवन जीने में सक्षम है।

एड्स होने के मुख्य कारण

  • ऐसे किसी व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध बनाना जो पहले से HIV से संक्रमित हो।
  • एक से अधिक के साथ यौन सम्बन्ध रखना।
  • असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाना एड्स होने का मुख्य कारण बन सकता है।
  • किसी संक्रमित सुई का प्रयोग करना।
  • संक्रमित माँ से गर्भ में पल रहे शिशु में एड्स के होने का खतरा बढ़ सकता है।
  • बिना जांच परख के खून चढ़वाना भी इसका कारण हो सकता है।

एड्स के लक्षण

  • लम्बे समय तक बुखार का बने हुए रहना इसका संकेत हो सकता है।
  • सोते समय शरीर से पसीना आना इसका एक लक्षण है।
  • स्किन पर खुजली होना और लाल चकत्ते पड़ जाना कई बार इसमें दर्द भी होने लगता है।
  • कोई भी काम करने में बहुत ज्यादा थकान का अनुभव करना।
  • भूख न लगना।
  • बार बार दस्त का लगना।
  • बार बार संक्रमण होना। पेशाब करने में जलन महसूस होना।
  • वजन का लगातार घटना।
  • गले की ग्रन्थियों में गाँठ हो जाना।
  • गले में खराश बने रहना और खांसी का लम्बे समय तक बने रहना।

एड्स से बचाव

  • एड्स से बचाव के लिए जरूरी है की यौन सम्बन्ध बनाते समय हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करे। असुरक्षित यौन सम्बन्ध HIV का सबसे बड़ा कारण होता है।
  • पुराने इंजेक्शन या पुरानी सुई का इस्तेमाल न करे।
  • जब भी कभी खून चढ़वाएं तो हमेशा जांचा परखा खून ही चढ़वाएं क्योंकि एड्स से संक्रमित खून के कारण आपको भी एड्स हो सकता है।

नोट - नियमित रूप से अपना चेकअप करवाते रहना चाहिए साथ ही उपरोक्त लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर को ज़रूर बताये ताकि सही समय पर आपके रोग का पता चल सके और उसका सही उपचार किया जा सके। एड्स जैसी बीमारी को ख़त्म तो नहीं किया जा सकता है लेकिन सही समय पर जानकारी मिलने से आप बचाव कर उसे नियंत्रित कर सकते है।

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