आजकल मधुमेह बीमारी लोगो में बढ़ती जा रही है। यह बीमारी किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो सकती है।
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो की पूरी तरह से ख़त्म नहीं होती है यह जीवन प्रयत्न चलती रहती है पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह में भी कई प्रकार होते है जिसमे से एक है मधुमेह टाइप 2 की बीमारी।
मधुमेह टाइप 2 को नॉन-इन्सुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज भी कहा जाता है यह सबसे आम मधुमेह होती है। मधुमेह टाइप 2 में इन्सुलिन बहुत कम मात्रा में बनता है। इसमें शर्करा शरीर के सेल्स तक नहीं पहुंच पाता है।
मधुमेह टाइप 2 को नियंत्रित करने के लिए योग एक ऐसा माध्यम होता है जिसे करने से आप स्वस्थ रहते है और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। जानते है Yoga for Diabetics Type 2 के बारे में।
Yoga for Diabetics Type 2: इन आसनो द्वारा पाए मधुमेह से निजात
मधुमेह टाइप 2 को नियंत्रित करने के लिए कई आसनो का अभ्यास किया जा सकता जिसमे से कुछ इस तरह है।
हलासन
- हलासन मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। मधुमेह टाइप 2 को नियंत्रित करने के लिए इस आसन का अभ्यास प्रतिदिन करना चाहिए।
- शरीर में अतिरिक्त चर्बी का होना भी मधुमेह का कारण बनता है। हलासन को रोज करने पर मोटापा कम हो जाता है। साथ ही पाचन क्रिया भी सही रहती है।
- यह आसन बवासीर और थयरॉइड जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाने में मदद करता है।
- यह आसन मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल भी करता है जिससे शरीर के वजन को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
- बालों और त्वचा के लिए भी आप इस आसन का अभ्यास कर सकते है। हलासन बैठ कर किये जाने वाले आसनो में से एक होता है।
गोमुखासन
- मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए गोमुखासन का अभ्यास करना अच्छा रहता है। यह पैंक्रियाज को उत्तेजित करने में मदद करता है।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने के लिए यह बहुत लाभकारी होता है।
- गोमुखासन को बैठ कर किया जाता है। जिसके कारण कमर दर्द की समस्या भी दूर हो जाती है।
- यह गुर्दा और अग्न्याशय की कार्य क्षमता में सुधार करके और साथ ही पाचन तंत्र को बढ़ाकर मधुमेह के उच्च रक्त शर्करा के स्तरों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- बाहों की मज़बूती प्रदान करने के लिए भी इस आसन का अभ्यास किया जा सकता है।
मयूरासन
- मयूरासन को करते रहने से मधुमेह की समस्या नहीं होती है। साथ ही रक्त संचार भी सही ढंग से हो पाता है।
- यह आसन पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और फेफड़ों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है। मयूरासन का अभ्यास लेटकर किया जाता है।
- मयूर आसन अग्न्याशय, यकृत और गुर्दे के कार्य क्षमता को बढ़ाकर उच्च रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
- शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल लग सकता है लेकिन अभ्यास करने से इसे आसानी से किया जा सकता है।
- कब्ज की समस्या से निजात मिल जाता है जिससे भूख भी अच्छे से लगने लगती है।
सुप्त वज्रासन
- यह मधुमेह रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट योग मुद्रा होती है। यह आसन अग्नाशय को उत्तेजित करने में मदद करता है और उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।
- सुप्त वज्रासन लेटकर किये जाने वाले आसनो में से एक होता है। पेट की चर्बी को कम करने में भी सहायक होता है।
- इस आसन को रोज करने से रक्त संचार अच्छी तरह से हो पाता है।
- मोटापा को कम करने के लिए भी यह आसन लाभकारी होता है। साथ ही पीठ दर्द की समस्या भी दूर हो जाती है।
- यह आसन घुटनो के लिए उपयोगी होता है इसके अभ्यास से घुटने मजबूत हो जाते है।
धनुरासन
- जिन लोगो को मधुमेह टाइप 2 की समस्या होती है उनके लिए इस आसन को करना फ़ायदेमंद होता है।
- धनुरासन के अभ्यास पैंक्रियास उत्तेजित हो जाता है। जिसके कारण इन्सुलिन के स्राव में सहायता मिलती है। जिससे मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
- यह मधुमेह के हर प्रकार के लिए लाभकारी होती है। धनुरासन का भी अभ्यास लेकर किया जाता है।
- धनुरासन कमर दर्द के लिए भी उत्तम योग माना जाता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी क़ो लचीला बनाने में सहायक होता है।
- यह आसन गर्दन, छाती और कंधोँ की जकड़न को दूर करने में भी मदद करता है।
मंडूकासन
- डायबिटीज के रोग को नियंत्रित करने के लिए इस आसन का नियमित अभ्यास करे।
- यह आसन पेट और हृदय के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है। तोंद को कम करने के लिए इस आसन का अभ्यास उत्तम होता है।
- इस आसन को करने से आमाशय, पित्तकोष, छोटी और बड़ी आंत, मलाशय, पेन्क्रियाज, प्रजनन अंगों और किडनी सभी को सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करता है।
- मंडूकासन बैठ कर किये जाने वाले आसनो में से एक होता है। जिससे गैस और कब्ज की समस्याए भी दूर हो जाती है।
- यह आसन ह्रदय के लिए भी लाभकारी होता है। साथ ही उच्च रक्त चाप को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है।
शलभासन
- यह मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है।
- इस आसन को लेट कर किया जाता है। जिसके कारण पीठ को मज़बूती मिलती है।
- पाचन क्रिया को सुधारने और पेट के अंगो को मज़बूत बनाने में भी यह आसन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- दमा रोगियों के लिए भी इस आसन का अभ्यास अच्छा होता है।
- शलभासन को करने से कमर दर्द की समस्या भी दूर हो जाती है।
उपरोक्त आसनो के अतिरिक्त आप पाश्चिमोतानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, वृक्षासन आदि का भी अभ्यास कर सकते है यह भी मधुमेह टाइप 2 के लिए उपयोगी आसन होते है। इन आसनो को करने से मधुमेह की समस्या तो दूर होगी साथ ही शरीर को अन्य लाभ भी प्राप्त हो जायेंगे।
नोट- आसनो का अभ्यास नियमित रूप से करने पर ही इसका सही लाभ प्राप्त हो पायेगा।
यदि आप योगाभ्यास में नए है तो इसके लिए इन आसनो का अभ्यास किसी कुशल प्रशिक्षक की उपस्थिति में करना उचित होगा ताकि आपको इसके लिए सही मार्गदर्शन मिल सके और फायदा भी हो सके।