अधिकांश लोगो को योग के बारे में पता है की यह हमारे जीवन में कितना महत्व रखते है। योग के महत्व को जानकर हमारे पूर्वज प्राचीन काल से इसका अभ्यास करते आ रहे है जिसके कारण Yoga आज भी जीवित है और आज फिर से लोग इसे करने के लिए जागरूक हो रहे है।
यह हमारे जीवन को सफल बनाने में बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। इसके द्वारा हम सेहतमंद जीवन जी सकते है साथ ही कई तरह की बीमारियों से भी दूर रह सकते है। इसके नियमित अभ्यास से मनुष्य का बुढ़ापा भी आसानी से कट जाता है।
आपको बता दे की Yogasana को करने के अनेक तरीके होते है और योग आसन भी अनेक होते है। आज हम आपको चंद्र नमस्कार के बारे में बता रहे है। यह आसन भी सूर्य नमस्कार की तरह होता है। जिसे करके आप कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते है।
चंद्र नमस्कार को कैसे किया जा सकता है और इसे करने के बाद आपको क्या क्या फायदे हो सकते है इसके लिए जानते है Chandra Namaskar के बारे में विस्तार से।
Chandra Namaskar: जाने चंद्र नमस्कार योग को करने का तरीका, फायदे और सावधानियां
चंद्र नमस्कार
- जिस प्रकार सूर्य नमस्कार को कई चरणों में पूरा किया जाता है ठीक उसी प्रकार Moon Salutation को भी कई चरणों में ही पूरा कर सकते है।
- इसमें फर्क इतना होता है की सूर्य नमस्कार को हम दिन के समय करते है और चंद्र नमस्कार को आपको रात्रि का इंतजार करना होगा क्योंकि इसे रात के समय चंद्रमा के प्रकाश में किया जाता है।
चंद्र नमस्कार को करने की विधि: Chandra Namaskar Steps
इसे करने के कुछ स्टेप्स होते है जो इस प्रकार है
पहले स्टेप
- सबसे पहले चंद्र नमस्कार को करने के लिए बिलकुल सीधे खड़े हो जाए। फिर अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठा ले। इसमें इस बात का ध्यान रखे की आपकी पीठ बिलकुल सीधी हो।
- इतना करने के बाद अपने शरीर को पीछे की तरफ झुकाये। आपको उतना ही पीछे झुकना है जितना आपसे संभव हो सके।
- फिर अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर खुला कर दे।।
दूसरा स्टेप
- इस प्रक्रिया में अपने हाथों को कमर से नीचे लाये और झुकते हुए हाथों को पैरों तक ले जाए।
- अपने सिर को घुटनो के छूने की कोशिश करे।
- इस प्रक्रिया में आपको अपने घुटनो को मोड़ना नहीं है उन्हें सीधा ही रखे।
तीसरा स्टेप
- इस प्रक्रिया में आप अपने बाएं पैर को पीछे की तरफ ले कर जाए और अपने पैरों को सीधा रखे।
- फिर अपने दाएं पैर को घुटनो के पास से मोड़ लें। ऐसा करते समय आपके शरीर का आधा भार आपके दाएं पैर के घुटनो पर आ जायेगा। अब अपने हाँथ को दाए पैर के पास रखें।
चौथा स्टेप
- इस स्टेप में आपको ऊपर वाली अवस्था में रहना है और फिर अपने बाए पैर के घुटनो को जमीन से छूने की कोशिश करे।
- फिर अपने दाए पैर को मोड़े और 90 डिग्री का कोण बना ले। इतना करने के बाद अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाये और अपनी कमर को पीछे की तरह झुकाये।
पांचवा स्टेप
- इस प्रक्रिया में जिस प्रकार अपने तीसरे स्टेप में किया था वैसे ही अपने दाए पैर के स्थान पर बाए पैर पर अपने शरीर के वजन को रखे।
- फिर अपने दाए पैर को पीछे की तरफ ले जाए और इसे अपने हाथों के पंजे के समीप रखे।
छठा स्टेप
- इसमें आपको चौथे स्टेप की तरफ बाए पैर पर वजन देना है।
- साथ ही अपने दाए पैर को ज़मीन से छूने की कोशिश करना है।
- इसके अलावा आपको अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाना है ।
सातवां स्टेप
- इस स्टेप में अपने दोनों हाथों को नीचे जमीन पर रखे। फिर जितना हो सके अपने कमर से ऊपरी भाग को ऊपर की तरफ उठाये।
- इस प्रक्रिया को कम से कम पांच बार दोहराये।
आठवा स्टेप
- इस स्टेप में अपने दोनों घुटनो को जमीन से टिका ले।
- अब अपने सिर को भी जमीन से छुएं साथ ही हाथों को भी जमीन पर रख दे।
नौवां स्टेप
- इसमें अपने दोनों घुटनो को जमीन पर रखे और अपने सिर को थोड़ा पीछे की तरफ झुकाये साथ ही अपने हाथों को ऊपर की तरफ रखे।
- इस प्रक्रिया में अपना पूरा वजन घुटनो पर रखे।
दसवां स्टेप
- इसमें अपने हाथों को सामने की ओर रखे और दोनों के बीच की दूरी डेढ़ फूट तक होनी चाहिए।
- फिर हाथों और पंजो की मदद से बैठे साथ ही घुटनो को जमीन से थोड़ा ऊपर उठा ले।
ग्यारहवां स्टेप
- इस स्टेप में अपने पैरों के पंजे पर वजन को देकर बैठ जाए।
- साथ ही अपने हाथों को जमीन से छुएं ।
बारहवा स्टेप
- यह चंद्र नमस्कार का अंतिम स्टेप है इसमें आपको सीधे खड़े होकर अपने हाथों को प्रमाण की मुद्रा में रखना होता है।
- इस तरह आपकी चंद्र नमस्कार की प्रक्रिया पूर्ण होती है।
चंद्र नमस्कार के फायदे
- चंद्र नमस्कार को करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही शरीर को कार्य करने की शक्ति भी मिलती है।
- इस आसन को करने से पाचन क्रिया बेहतर ढंग से होती है जिसके कारण पेट स्वस्थ रहता है और पेट से संबंधित समस्याएं नहीं होती है।
- इसका नियमित अभ्यास करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है साथ ही दिमाग भी शांत रहता है।
- इसके अभ्यास से कल्पनाशक्ति का भी विकास होता है।
- इस आसन को चन्द्रमा की उपस्थिति में करने से शीतलता प्राप्त होती है जिसके कारण आपको ठंढक मिलती है।
आवश्यक जानकारी
- आप जब भी चंद्र नमस्कार आसन को करे तो इसमें आपको यह चाँद की दिशा में ही करना चाहिए। यह तभी लाभकारी होता है।
- साथ ही अपने सामर्थ्य से अधिक जोर ना लगाए।
- जिन लोगो के कमर में दर्द होता है उन्हें इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- इस आसन को किसी कुशल प्रशिक्षक की उपस्थिति में ही करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओ को भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- यदि किसी व्यक्ति की कमर की हड्डी किसी कारण वश टूट जाती है तो उन्हें भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। इसके लिए आप आपके डॉक्टर से सलाह ले सकते है।
इस तरह आप चंद्र नमस्कार को करके इसके लाभ को प्राप्त कर सकते है। इसके लिए नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए।