Dog Bite Treatment in Hindi: कुत्तों के काटने से होने वाली बीमारी रेबीज का इलाज

Dog Bite Treatment in Hindi: कुत्तों के काटने से होने वाली बीमारी रेबीज का इलाज

बहुत से लोग कुत्ता पालने का शौक रखते है। कहा जाता है की कुत्ता एक ऐसा जानवर होता है जो की सबसे वफादार होता है।यदि वह एक बार किसी चीज को पहचान ले तो सूँघ कर भी उसके पास पहुंच सकता है।

लोग अपने घरों की रखवाली के लिए कुत्तों को घरो में पालते है। उनके साथ खेलते है, खाते पीते है। परन्तु क्या आप जानते है की कुत्ते जितने सीधे और बफादार होते है उनसे हमें कुछ हद तक खतरा भी होता है ?

क्या अपने कभी सोचा है की यदि कुत्ते ने काट लिया तो क्या होगा? वैसे तो घरेलु कुत्ते के काटने से इतना खतरा नहीं होता है जितना की बाहरी और जंगली कुत्ते के काटने से होता है।

जी हाँ कुत्ते के काटने से भी गंभीर बीमारी हो सकती है और इस बीमारी की वजह से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । जिसके लिए बचाव करना जरूरी होता है। जानते है Dog Bite Treatment in Hindi.

Dog Bite Treatment in Hindi : जाने कुत्ते के काटने पर बचाव के लिए क्या करना होता है जरूरी

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कुत्ते के काटने से होने वाली बीमारी

  • कुत्ते के काटने से रेबीज नामक बीमारी होती है। यह किसी भी संक्रमित स्तन धारी के काटने से हो सकती है।
  • यह एक प्रकार की संक्रामक बीमारी होती है। जो की लार के द्वारा उत्पन्न होती है।
  • यह वायरस मनुष्यों में संक्रमित जानवरों के काटने या फिर खरोचने से फैलता है।

First Aid for Dog Bite:

यदि किसी व्यक्ति को अचानक कुत्ते ने काट लिया है तो आपको उसे डॉक्टर के पास ले जाने के दौरान उसका प्राथमिक उपचार किया जा सकता है ताकि उसे संक्रमण से रोका जा सके।

  • यदि किसी व्यक्ति को कोई जानवर जैसे कुत्ता या बिल्ली काट लेता है तो सबसे पहले उसके घाव को साबुन की मदद से 15 मिनट तक अच्छे से धोना चाहिए।
  • घाव जब अच्छी तरह से धूल जाए तो उसपर एंटीसेप्टिक क्रीम को लगा देना चाहिए ऐसा करने से रेबीज का संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
  • यदि व्यक्ति के घाव की जगह पर खून बह रहा है तो उसे अच्छे से धोने के बाद उस पर पट्टी कर देनी चाहिए।
  • घाव को खुला छोड़ना अच्छा रहता है।
  • साथ ही जिस कुत्ते ने व्यक्ति को काटा है उस पर 10 दिन तक निगरानी रखनी भी जरुरी होती है।
  • कुत्ते के काटने के 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को ज़रुर दिखाए।

रेबीज से होने वाले लक्षण

  • रेबीज से संक्रमित व्यक्ति पानी और तेज रौशनी से दूर भागने लगता है।
  • व्यक्ति के व्यवहार में भी परिवर्तन आता है वह हिंसक हो जाता है।
  • मुँह से हाफने की आवाज आने लगती है साथ ही तेज हवा से भी वह दूर भागने लगता है।
  • व्यक्ति के मुँह से लार टपकने लगती है। वह बिजली की चमक से भी डरने लगता है।
  • रोगी को कमजोरी महसूस होने लगती है साथ ही सिर में दर्द भी बना रहता है।
  • भूख भी नहीं लगती है और तेज बुखार भी रहता है।
  • रोगी को उलटी और थकान का भी अनुभव होने लगता है।

कारण

  • कुत्ता एक बहुत अच्छा जानवर है साथ ही वह बहुत बफादार भी होता है।कुत्ते ऐसे ही किसी को नहीं काटते है।
  • कुछ परिस्थितियों के बनने पर ही कुत्ते काट सकते है जैसे की यदि उसके साथ छेड़ छाड़ की जाए, उसकी पूंछ को परेशान किया जाए आदि तभी कुत्ते अपने बचाव के लिए काट सकते है।
  • इसके अतिरिक्त वैसे कुत्ते ज्यादातर काटते हैं जिन्हे घरो में पालतू बना कर रखा जाता है। ऐसे कुत्ते छोटे छोटे बच्चों को काट सकते है।
  • इसलिए कुत्तों को समय समय पर टीके लगवाने चाहिए ताकि वह संक्रमित न हो और किसी को काटने पर उसका वायरस किसी दूसरे व्यक्ति में न जा सके।

रेबीज का उपचार: Rabies Treatment

डॉक्टर द्वारा सबसे पहले यह देखा जाता है की घाव कितना गहरा है उसके आधार पर इंजेक्शन लगाए जाते है।

  • डॉक्टर मामूली घाव और खरोच के लिए टीका लगाता है।
  • यदि घाव ज्यादा गहरा है तो उसके लिए एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन लगाया जाता है।
  • डॉक्टर्स घाव पर टाँके लगाने की कम से कम कोशिश करते है क्योंकि घाव के खुले होने पर ही यह जल्दी ठीक होता है। साथ ही टांके लगाने से व्यक्ति के दूसरे अंग भी प्रभावित हो सकते है।
  • डॉक्टर इंजेक्शन कुत्तों के आधार पर भी लगाता है। उसके लिए वह यह जानने की भी कोशिश करता है की किस तरह के कुत्ते ने काटा है। कुत्ता पालतू है या जंगली।
  • यदि कुत्ता पालतू है तो इसके लिए तीन टीके लगवाए जाते है। जिसे पहले टीका कुत्ते के काटने के एक दिन बाद लगाया जाता है।
  • दूसरा टीका तीन दिनों के बाद लगाया जाता है और अंत में तीसरा टीका सात दिन बाद लगाया जाता है।
  • यदि किसी व्यक्ति को आवारा कुत्ते ने काटा है तो तीन टीके तो लगते है साथ ही एक वीक के अंतराल में पांच से लेकर सात टीकों को लगवाया जाता है।
  • यदि खरोच है तो उसमे तीन टीके ही लगवाए जाते है।

घरेलू उपचार

आप उपचार के साथ साथ रोगी का घरेलू उपचार भी जारी रख सकते है।

  • घाव पर आप लाल मिर्च का पाउडर भी लगा सकते है ऐसा करने से संक्रमण नहीं फैलता है।
  • आप शहद की कुछ बूंदो को लेकर उसमे प्याज के रस की कुछ बुँदे मिला ले और इस मिश्रण को कुत्ते के काटे गए स्थान पर लगाए। ऐसा करने से जहर का प्रभाव खत्म हो जाता है।
  • इसके अतिरिक्त 15 काली मिर्च ले और उसे एक चम्मच जीरे के साथ पीस ले। इस मिश्रण को कटे स्थान पर लगाए। ऐसा करने से भी जहर को कम क़िया जा सकता है।
  • आप काटे गए स्थान को साबुन से अच्छी साबुन से धोने के बाद उस पर डेटोल भी लगा सकते है। यह संक्रमण को कम करता है।

उपरोक्त घरेलु उपायों को आप कर सकते है लेकिन इनसे रेबीज के खतरे को ज्यादा देर तक दूर नहीं किया जा सकता है इसलिए 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को ज़रूर दिखाए। ताकि वह टीके के द्वारा संक्रमण को रोक सके।

नोट

कुछ लोग कुत्ते के काटने को इग्नोर कर देते है और घाव पर एंटीबैक्ट्रियल लोशन लगा लेते है।
इसे करना सही नहीं होता है इसके लिए चिकित्सीय उपचार करवाना अच्छा होता है ताकि रेबीज जैसे संक्रमण से बचा जा सके।

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