Effects Of Diabetes: मधुमेह की समस्या कर सकती है किडनी को प्रभावित, जानें अन्य प्रभाव

Effects Of Diabetes: मधुमेह की समस्या कर सकती है किडनी को प्रभावित, जानें अन्य प्रभाव

आज हम आपको इस आर्टिकल में मधुमेह से जुड़ी सभी जानकारियों से अवगत करवाएंगे साथ ही मधुमेह से हमारे शरीर को क्या क्या दुष्परिणाम (Diabetes Effect) हो सकते है इसके बारे में विस्तृत जानकारी बतायेंगे।

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो धीरे धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला करती जाती है। मधुमेह के मरीज़ों को इसके लिए पूरी तरह परहेज रखने की आवश्यकता होती है। अगर डायबिटीज का मरीज थोड़ा भी अपने परहेज को तोड़ता है तो उसे कई और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

डायबिटीज के मरीज को मधुमेह के बढने और बहुत कम होने दोनों ही परिस्थितियों में गम्भीर खतरा उठाना पड़ सकता है।

अगर किसी गर्भवती महिला में मधुमेह की पुष्टि हो जाती है तो उसे गर्भावस्था के दौरान दोगुना ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिला को मधुमेह होने से उसके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।  इसके अलावा शिशु को कोई अन्य बीमारी भी मधुमेह के कारण हो सकता है जैसे किसी अंग पर विकलांगता का असर भी इसकी वजह से देखने को भी मिल सकता है। इसलिए गर्भवती महिला को समय समय पर अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर अपने और अपने शिशु का उपचार करने की आवश्यकता होती है। जानते है Effects Of Diabetes के बारे में।

Effects Of Diabetes: जाने मधुमेह की समस्या के गंभीर प्रभाव और आवश्यक सुझाव

क्या हैं मधुमेह के दुष्प्रभाव: Side Effects of Diabetes

  • ज्यादातर मरीज़ों को मधुमेह के होने का पता बहुत समय बाद चलता है तब तक मधुमेह के कारण शरीर पर कोई न कोई दुष्प्रभाव देखने को नजर आ ही जाता है। अगर मधुमेह के लक्षणों को पहचान कर प्रारम्भ में ही इसका पता लगा लिया जाये और डायबिटीज के लिए सही परहेज किया जाए और उचित उपचार निरंतर किया जाये तो मधुमेह से होने वाले प्रभाव से शरीर को कुछ हद तक बचाया जा सकता है।
  • मधुमेह जैसी बीमारी होने के बहुत सारे कारण होते है जिनमे से मुख्य कारण परिवार में पहले से किसी को मधुमेह की बीमारी होना या अत्यधिक तनाव व चिंता लेना भी मधुमेह की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। आज सिर्फ बड़ों में ही नही बल्कि बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा बढ़ गया है।
  • जब हमारे शरीर की अग्न्याशय में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाता है तो इसके चलते खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है और इसी अवस्था को मधुमेह कहा जाता है। भोजन शरीर में जाकर ग्लूकोज में बदल जाता है और यही ग्लूकोज रक्त में मिल जाता है।
  • मधुमेह रोगी शरीर में उपलब्ध ग्लूकोज़ का पूरा उपयोग नही कर पाता है मधुमेह में रक्त में ग्लूकोज़ की बढ़ी हुई मात्रा का अगर सही समय पर उपचार नही किया जाये तो यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगो को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।
  • मधुमेह के रोगियों को चीनी या मीठी चीजों का सेवन करना पूरी तरह बंद करना होता है अगर मधुमेह का कोई मरीज़ शुगर होने के बावजूद भी मिठाइयों आदि का सेवन करता है तो इससे उसके शरीर में कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते है।
  • आज कल डायबिटीज से बचने के लिये शुगर फ्री मिठाइयाँ आने लगी है जिनका टेस्ट बिलकुल शुगर की मिठाइयों के जैसा ही होता है और जिसके सेवन से शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है शुगर के बढने का खतरा इससे नही होता।

मधुमेह का शरीर पर प्रभाव: Effects of Diabetes on the Body

  • डायबिटीज से किडनी पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है, जब डायबिटीज की बीमारी को बहुत अधिक समय हो जाता है तो इससे किडनी के खराब होने का खतरा बहुत अधिक हो जाता है। मधुमेह की बीमारी के कारण किडनी के फेल होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
  • मधुमेह के कारण हार्ट अटैक का खतरा भी अधिक हो जाता है क्योंकि मधुमेह के कारण दिल के पास से जाने वाली नसों में भी ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है जिससे उसमे ब्लोकेज की सम्भावना बढ़ जाती है जिसके कारण हार्ट अटैक की सम्भावना मधुमेह के मरीज़ों में अधिक हो जाती है।
  • मधुमेह के कारण त्वचा पर भी कई बार इसका दुष्प्रभाव देखें को मिल सकता है। शरीर में शुगर का लेवल बढने के कारण त्वचा पर मोटी परत जमा होने लगती है। जिसके कारण त्वचा में संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
  • मधुमेह के मरीज़ों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है जिसके कारण उन्हें किसी भी बीमारी या कोई भी घाव को ठीक होने में बहुत अधिक समय लगने लगता है।
  • डायबिटीज के मरीज़ों को बार बार पेशाब आने की समस्या होने लगती है। ये लोग ज्यादा देर तक अपनी पेशाब को रोक कर रखने में असमर्थ होते है।
  • डायबिटीज से पैरों की तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त होने या पैरों में रक्त का प्रवाह कम होने के कारण पैरों से संबंधित समस्याओं के होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है इससे फुट अल्सर जैसी बीमारी का खतरा अधिक हो जाता है।
  • डायबिटीज का असर आँखों पर भी देखने को मिलता है जिसके कारण आँखों में धुंधलापन आना या बहुत कम उम्र में ही मोतियाबिंद हो जाना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • डायबिटीज के कारण कई बार बहुत अधिक मात्रा में भूख लगने लगती है और अचानक वजन भी बहुत कम होने लगता है। डायबिटीज के मरीज़ों को अधिक थकान का सामना करना पड़ता है।

सुझाव

  • डायबिटीज के मरीज़ों को नियमित रूप से चिकित्सक से परामर्श लेते रहना चाहिए। मधुमेह के पेशेंट के लिए नियमित चेकअप आवश्यक होता है।
  • डायबिटीज के मरीज़ों को बहुत अधिक शारीरिक मेहनत और परिश्रम से बचना चाहिए।
  • मधुमेह के मरीज़ों को धुम्रपान और अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए।
  • बहुत अधिक तनाव और चिंता से भी दूर रहने की आवश्यकता होती है शुगर के मरीज़ों को।
  • डायबिटीज की दवाओं का सेवन करे। चीनी और मीठी चीजों का सेवन बिलकुल न करे।
  • उचित आहार को अपनी डाइट में शामिल करे और डाइट चार्ट के हिसाब से ही भोजन लें।
  • मधुमेह के मरीज़ों को अपने वजन को बहुत अधिक बढ़ने नही देना चाहिए।
  • मधुमेह के मरीज़ को नियमित व्यायाम और प्रतिदिन कुछ देर घूमना ज़रूर चाहिए।
  • कभी भी शुगर के बढने या कम होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • शुगर के मरीज़ों को इन्सुलिन लगा कर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।

उचित उपचार से डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी का भी सामना किया जा सकता है।

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