अकरकरा एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधी होती है जिसका वैज्ञानिक नाम Anacyclus Pyrethrum है। इस औषधीय पौधे का उपयोग ना सिर्फ भारतीय आयुर्वेद में किया जाता है बल्कि इसे यूनानी और बाकी कई देशों के हर्बल दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है। इससे पुरुषों की बीमारियों, सामान्य ठंड और पायरिया आदि बीमारियों का भी उपचार किया जाता है।
अकरकरा के पौधे का इस्तेमाल अलग अलग प्रकार से लोगों द्वारा किया जाता है। इसके उपयोग के लिए Akarkara Powder, अकरकरा चूर्ण, Akarkara Oil, Akarkara Root आदि सभी इस्तेमाल किया जाता है। यह औषधीय पौधा व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को मजबूती दे कर रोजमर्रा के होने वाले इंफेक्शन आदि से मुकाबला करने की ताकत देता है।
अकरकरा स्वाद में कड़वा एवं तीखा होता है वहीं इसकी तासीर गर्म होती है जिसकी वजह से यह कफ एवं वातनाशक होता है। इसका इस्तेमाल टूथ पाउडर एवं पेस्ट के रूप में भी किया जाता है। इसके साथ साथ यह एक पाचक और रुचिवर्धक के रूप में भी कार्य करता है।
अकरकरा खून को साफ़ करता है, सूजन को कम करता है, मुंह से आने वाली दुर्गन्ध को दूर करता है, दन्त रोग से राहत देता है, दिल की कमज़ोरी दूर करता है और इस जैसे कई अन्य लाभ प्रदान करता है। आइये जानते हैं Akarkara Ke Fayde के बारे में विस्तार से।
Akarkara Ke Fayde: आयुर्वेदिक औषधि अकरकरा के फायदे का लाभ उठायें
भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में और इनमें भी मुख्य रूप से मध्यकालीन ग्रंथों में अकरकरा का वर्णन आकारकरभ के नाम से कई जगह मिलता है। अंग्रेजी भाषा में इसे पेलिटोरी के नाम से भी जाना जाता है। इस औषधीय पौधे के महत्वपूर्ण भाग इसके फूल तथा जडें होते हैं। इसे मूल रूप से ब्राजील और अफ्रीका से आयातित वनस्पति कहा जाता है। आइये जानते हैं Akarkara Benefits के बारे में।
नपुंसकता की समस्या में लाभकारी
- Akarkara के चूर्ण को शहद में मिक्स कर के शिश्न (पुरूष लिंग) पर नियमित तौर पर लगाएं और फिर इसे पान के पत्ते में लपेटें।
- ऐसा करने से शैथिल्यता की परेशानी खत्म हो जाएगी और वीर्य की मात्रा बढ़ेगी।
- इसके अलावा 2 ग्राम अकरकरा तथा 10 ग्राम जंगली प्याज को पीसकर इसका पेस्ट लिंग पर लगा कर मलने से लिंग की कठोरता बढ़ेगी । 11 या फिर 21 दिन तक इसका प्रयोग करना अच्छा होता है।
हकलाने की समस्या में उपयोगी
- इसके लिए अकरकरा तथा काली मिर्च की सामान मात्रा ले कर इसे पीस लें।
- इससे तैयार चूर्ण की एक ग्राम की मात्रा को ले कर शहद में मिक्स कर के रोजाना सुबह-शाम जीभ पर रखें।
- इस विधि का उपयोग 4 से 6 हफ्ते तक करने से फायदा जरूर मिलेगा।
- इसके अलावा 12 ग्राम अकरकरा, 12 ग्राम तेजपत्ता और 6 ग्राम काली मिर्च को पीस ले।
- इससे तैयार चूर्ण की 1 चुटकी नियमित तौर पर सुबह-शाम जीभ पर रखकर अपनी जीभ को मलें। ऐसा करने से जीभ मोटा होगा और इससे हकलाने की समस्या दूर हो जायेगी।
पेट के फ़ायदेमंद
- अकरकरा की जड़ का चूर्ण तथा छोटी पीपल की सामान मात्रा को ले कर इसे पीस लें।
- अब इसे आधा चम्मच शहद के साथ में रोज़ाना सुबह-शाम भोजन करने के बाद लें।
- इसके सेवन से पेट सम्बंधी हर प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएगी।
दांत की समस्याओं में असरकारी
- अकरकरा को सिरके में घिसे और अपने दांत पर इसे दबाएं। ऐसा करने से दांत दर्द में राहत मिल जायेगी।
- अकरकरा तथा कपूर की सामान मात्रा लें और इसे पीस लें। इससे तैयार चूर्ण का रोजाना सुबह-शाम दन्त मंजन की तरह इस्तेमाल करें।
- इससे दांतों की पीड़ा और दूसरी समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।
सिरदर्द से दिलाए राहत
- सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द में अकरकरा को मुंह में दांतों के दबा कर रखने से शीघ्र लाभ मिल जाता है।
- इसके अलावा बादाम के हलवे में आधा ग्राम अकरकरा के पाउडर को मिला कर सुबह-शाम सेवन करने से निरंतर बने रहने वाले सिरदर्द से राहत मिल जाता है।
- अकरकरा को पानी के साथ पीस लें और फिर इसे गर्म कर के सिर पर लेप करें। इससे सिरदर्द ठीक हो जाता है।
हिचकी से आराम दे
- हिचकी की समस्या से आराम पाने में भी अकरकरा लाभकारी सिद्ध होता है।
- इसके लिए आप एक ग्राम अकरकरा के चूर्ण को एक चम्मच शहद के साथ खाएं। इससे हिचकी बंद हो जायगी।
मस्तिष्क की तीक्ष्णता बढ़ाये
- मस्तिष्क की तीक्ष्णता बढ़ाने में भी अकरकरा फायदा पहुँचाता है।
- इसके लिए अकरकरा और ब्राह्मी को समान मात्रा में ले और इसे पीस कर इसका चूर्ण तैयार कर लें।
- इस चूर्ण का नित्यदिन आधा चम्मच सेवन करें, इससे बुद्धि तेज होती है।
बुखार से दे राहत
- बुखार से राहत पाने के लिए आप अकरकरा की जड़ के चूर्ण को जैतून के तेल में पकाएं और फिर इससे मालिश करें।
- इस मालिश की वजह से शरीर से पसीना निकलेगा और आपका बुखार उतर जाएगा।
- इसके अलावा आप अकरकरा का काढ़ा बना लें और फिर इस काढ़े में 5 मिलीलीटर अदरक के रस को मिक्स कर इसका सेवन करें। इससे भी बुखार से आराम मिल जाता है।
- आप चाहें तो 10 ग्राम अकरकरा और 10 ग्राम चिरायता को पीसकर इसका चूर्ण तैयार कर लें और फिर इस चूर्ण में से 3 ग्राम चूर्ण पानी के साथ लें। इससे बुखार से राहत मिल जायेगी।
गर्भनिरोध में मददगार
- इसके लिए अकरकरा को दूध के साथ पीस लें और फिर इसमें रुई डुबो कर तीन दिनों तक होने योनि में रखें।
- ऐसा करने से एक महीने तक के लिए आपको गर्भ नहीं ठहरेगा।
गले की समस्या में असरकारी
- अकरकरा की चूर्ण के एक ग्राम के चौथाई हिस्से से करीब आधा ग्राम की मात्रा में फंकी लें।
- ऐसा करने से बच्चों और गायकों का स्वर भी मधुर हो जाता है।
- तालू, दांत तथा गले की समस्याओं में इसका कुल्ला करने से बहुत राहत मिलती है।
आज के इस लेख में आपने Akarkara Plant से मिलने वाले फायदों के बारे में जाना। अगर आप भी उपर्युक्त किसी भी समस्या से परेशान रहते हैं तो लेख में बताये गए अकरकरा सम्बंधित सभी उपायों की मदद से आप राहत जरूर प्राप्त करेंगे। ये उपाय आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होंगे और आपकी समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होंगे।