Ayurvedic Medicine for Dengue: भारत के वैज्ञानिकों ने बनाई लाइलाज डेंगू की दवा

Ayurvedic Medicine for Dengue: भारत के वैज्ञानिकों ने बनाई लाइलाज डेंगू की दवा

डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिससे हर साल कई लोग पीड़ित होते है और कई लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान खो देते है। यह बीमारी मनुष्य को पूरी तरह से कमजोर बना देती है जिससे बॉडी में रोगों से लड़ने की शक्ति भी नहीं बचती है।

डेंगू का इलाज आपको समय पर करवा लेना चाहिए जिससे की आप को सही समय पर सही उपचार मिल जाये और आपकी जान बच सकती है। हर साल डेंगू की बीमारी से हजारों की संख्या में इंसान जान गंवा देते है।

डेंगू की बीमारी एडीज नाम के मच्छर के काट लेने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और यह अपने अंडे साफ़ पानी में देता है। इसलिए आपको अपने आस पास की सफाई का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। डेंगू की बीमारी में प्लेटलेट्स कम हो जाती है मतलब बॉडी में ब्लड सेल्स बनाना बंद होने लगते है।

इस लेख में हम आज आपको बता रहे की आपको डेंगू से बचने के लिए क्या करना चाहिए और आयुर्वेद की मेडिसिन लेकर आप कैसे इस खतरनाक बीमारी से बच सकते है। इस लेख में पढ़े Ayurvedic Medicine for Dengue.

Ayurvedic Medicine for Dengue: जाने डेंगू के आयुर्देविक मेडिसिन के बारे में

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जाने मार्केट में आई एक नयी आयुर्देविक दवा के बारे में

  • डब्लूएचओ के हिसाब से हर साल दुनिया में डेंगू की बीमारी के लगभग 5 से 10 करोड़ तक के केसेज सामने आते है। पर इसकी अभी तक कोई दवा नहीं बन पाई थी।
  • कुछ भारतीय वैज्ञानिको ने हाल हीं में डेंगू के रोकथाम के लिए एक नई दवा तैयार की है।
  • इस नई दवा की पायलट स्टडी मरीजों पर सक्सेस भी रही है।
  • अब इस दवा के काफी बड़े स्तर पर क्लीनिकल ट्रायल लिए जा रहे है।
  • इस दवा को ले कर यह उम्मीद है की 2019 में यह आम मरीज़ो के लिए आसानी से मार्किट में उपलब्ध होगी।
  • इस दवा को 7 तरह के औषधीय पौधों से बनाया गया है।

दो साल के मेहनत के बाद बनी दवा

  • संस्थान सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद (सीसीआरएएस) के वैज्ञानिको ने बनाया है इस दवा को।
  • यह डेंगू की दवा भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले आयषु मंत्रालय के शोध संस्थान सीसीआरएएस में बनी है।
  • इस दवा को तैयार करने के लिए सीसीआरएएस के विशेषज्ञों को दो साल से ज्यादा का समय लग गया है।
  • अब इस दवाई की पायलट स्टडी के लिए सीसीआरएएस इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिल कर ये स्टडी कर रहा है।
  • इसके लिए सीसीआरएएस और आईसीएमआर बड़े स्तर पर बेलगाम और कोलार मेडिकल कॉलज के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल ले रहे है।
  • इस दवाई का तीन स्तरों पर क्लीनिकल ट्रायल लेने का निर्णय लिया गया है।
  • इस वजह से यह क्लीनिकल ट्रायल सितम्बर 2019 तक ख़त्म किया जायेगा।
  • इसके बाद उन परिणामों के अकॉर्डिंग दवाई को को मार्केट में लाने की प्रोसेस को आगे बढ़ाया जायेगा।

2019 तक बाजार में लेन की कोशिश

  • सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद के वैद्य प्रो. केएस धिमान जो की महानिदेशक है उनका कहना है की पहली बार दुनिया में डेंगू जैसी बीमारी के लिए दवाई बनाई गयी है। जो की Ayurvedic Treatment for Dengue होगी।
  • साथ ही कहा की यह सबसे अच्छी बात है की पायलट स्टडी डेरोना की कोई भी साइड इफ़ेक्ट सामने नहीं आई है।
  • इसके अलावा 2019 तक इसका क्लीनिकल ट्रायल भी पूरा हो जाएगा जिस के बाद के प्रोसिजर के लिए आगे बढ़ा जायेगा और टेक्नोलॉजी प्रदान की जाएगी।
  • इसके बाद इस डेंगू की दवा को आसानी से मार्केट में लाया जा सकेगा।

सात दिनों तक लें दिन में दो बार

  • 90 मरीजों को डेंगू की दवा पायलट स्टडी में एक लिक्विड फॉर्म में दी गई थी एक काढ़े के तौर पर।
  • लेकिन इस दवा को क्लीनिकल ट्रायल में टेबलेट के फॉर्म में दी गयी है।
  • इस दवा को सात दिनों तक लेना है वो भी दिन में 2 बार।
  • इस टेबलेट के प्राइस को लेकर अभी यह कहा जा रहा है की इसे जहाँ तक हो पाए सस्ता रखेंगे ताकि आम इंसान भी अपना इलाज करवा सके और स्वस्थ रह सके

पायलट स्टडी में कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया

  • पायलट स्टडी में इस दवा का इस्तेमाल करने के पहले चूहों और खरगोश पर इसका इस्तेमाल किया गया है।
  • पायलट स्टडी गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में और कर्नाटक के बेलगाम और कोलार मेडिकल कॉलेज में की गई थी।
  • मेदांता अस्पताल और कर्नाटक के बेलगाम और कोलार मेडिकल कॉलेज में एडमिट डेंगू के 30 मरीजों पर इस दवा की पायलट स्टडी की गई।
  • इस दवा को लेने के बाद यह सामने आया की डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ गई।
  • इसी के साथ किसी भी मरीज में इसका किसी भी प्रकार का कोई साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिला है।

डेंगू के लिए यह पहली दवा होगी

  • वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार यह दवाई Dengue Treatment के लिए पहली दवाई होगी जिससे मरीजों को बचाया जा सकेगा।
  • डेंगू जैसी गंभीर बीमारी ज्यादातर बच्चों को होती है।
  • सिर्फ डेंगू में होने वाले बुखार पर काबू पाने के लिए आप पैरासिटामोल की टेबलेट दे सकते है।
  • और डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए डॉक्टर्स ज्यादा लिक्विड खाने की सलाह देते है।

इस तरह बरतें सावधानी

  • कभी भी अपने घर के अंदर, बाहर या फिर आस पास पानी को इकट्ठा न होने दें।
  • मच्छरों को दूर करने के लिए कीटनाशक का उपयोग करें।
  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • इसके अलावा मच्छरों को दूर रखने के लिए कॉइल का भी इस्तेमाल करें।
  • तुलसी के पौधों को घर में लगाए क्योंकि इसकी खुशबु से डेंगू के मच्छर घर में नहीं आते है।

Signs of Dengue (डेंगू होने के लक्षण)

  • बुखार आना और साथ ही तेज़ ठंड लगना।
  • हमेशा सर में दर्द रहना।
  • आँखों में दर्द होना।
  • जोड़ों में और बदन में दर्द रहना।
  • भूख कम लगना।
  • जी मिचलाना और उलटी होना।
  • दस्त लगना।
  • स्किन पर लाल चित्ते होना।

इस लेख में हमने आपको डेंगू की मेडिसिन के बारे में बताया जिसको ले कर आप डेंगू जैसी गंभीर बीमारी का आसानी से सामना कर पाएंगे। इस दवाई की पूरी इनफार्मेशन आपको ऊपर दिए इस लेख से मिल गयी होगी।

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