आपने कई समस्याओं के उपचार के लिए जड़ी बूटियों का उपयोग किया होगा। चिरायता भी एक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल बहुत सारी बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है। कितनी ही ऐसी आयुर्वेदिक दवाइयाँ है जिन्हें बनाने में चिरायता का उपयोग किया जाता है।
चिरायता बहुत कड़वा होता है। चिरायता के और भी कई सारे नाम होते हैं। चिरायता के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। चिरायता संक्रमन को फैलने नही देता और हर तरह के बुखार में ये असरदार होता है इसके सेवन से मलेरिया व स्वाइन फ्लू से भी बचाव किया जा सकता है।
चाहे त्वचा सम्बन्धी रोग हो या अन्य कोई सेहत से जुड़ी बीमारी का उपचार चिरायता से यह सब किया जा सकता है। पहले Chirayata को घर में ही बना कर तैयार किया जाता था पर आज कल बाज़ार में भी आपको चिरायता आसानी से उपलब्ध हो जाता है। चिरायता के पाउडर के सेवन करने से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
आज हम आपको इस आर्टिकल में चिरायता क्या होता है और Chirata Uses से आपको सेहत से जुड़े कौन कौन से फायदे मिल सकते है इसके बारे में बतायेंगे। आज का ये आर्टिकल आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाला है। अभी तक आपको चिरायता के औषधीय गुणों के बारे में जानकारी नही होगी। चिरायता से होने वाले फायदे के बारे में जानकर आप हैरान हो जायेंगे। जानते है Chirata Benefits के बारे में।
Chirata Benefits: जाने चिरायता नाम की इस जड़ीबूटी के असरकारी स्वास्थ्य सम्बंधित फायदे
चिरायता क्या होता है :
- उत्तरी भारत के एक हरियाली (स्वर्टिया चिराता) के सूखे ऊतकों को एक कड़वे टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- स्वर्टिया चीरेटा को भारत में चिरायता के नाम से जाना जाता है। Chirata Tree एक वर्षीय पौधा होता है।
- चिरायता को संस्कृत में किराततिक्त या भूनिम्ब के नाम से जाना जाता है। चिरायता में एंटी-इंफ्लामैट्री, एंटीस्पाज्मोडिक, एंटी-प्रजनन क्षमता और एंटीहिस्टामाइन गुण होते है जिसके कारण ये और भी उपयोगी औषधियों में शामिल हो जाता है
- गर्भवती महिलाओं के लिए Chirayata Uses लाभकारी होते हैं पर उन्हें इसका सेवन चिकित्सक से परामर्श लेकर ही करना चाहिए।
- चिरायता के फूल सफेद रंग के होते है। भारत में हिमाचल प्रदेश में कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक काफी ऊँचाई पर इसका पौधा होता है।
- इसमें मौजूद तत्व और इसका कड़वापन ही इस औषधि का विशेष गुण होता है।
- किसी भी तरह के कफ, पित्त, खांसी, त्वचा सम्बन्धी समस्या, बुखार और सुजन आदि में चिरायता का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त भी कई समस्याओं से निजात दिलाने में चिरायता उपयोगी होता है।
आइये जानते है चिरायता का सेवन करना सेहत के लिए कितना लाभकारी होता है और कौन से फायदे सेहत के दृष्टिकोण से इससे मिलते हैं।
चिरायता के फायदे: Chirata Benefits
रक्त को साफ करने में
- चिरायता के सेवन से रक्त की अशुद्धि खत्म होने लगती है। रक्त को साफ़ करने में चिरायता बहुत उपयोगी होता है। चिरायता के सेवन से एनीमिया भी दूर होता है।
- इसके लिए 10 ग्राम मुलेठी पाउडर में समान मात्रा में चिरायता पाउडर मिलाएं और इस मिश्रण का लगभग 500 मिलीग्राम या 1 ग्राम पानी के साथ मिला कर गर्म करें फिर दिन में एक या दो बार इसे ले।
त्वचा के लिए लाभकारी
- फोड़े, खुजली, घावों और त्वचा पर होने वाली किसी भी प्रकार के संक्रमण या अन्य मौसमी बीमारियों का सबसे अच्छा इलाज चिरायता के द्वारा किया जा सकता है।
- इसका एक काढ़ा बना कर त्वचा पर उपयोग करना बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। इसे रात भर पानी में भीगने के बाद उसके पानी को अपनी त्वचा पर होने वाली समस्याओं पर लगाने से लाभ मिलता है।
- प्रतिदिन सुबह उठकर इसका पानी पीना लाभकारी होता है इससे त्वचा का संक्रमण खत्म होता है।
- इसके लिए 1 चम्मच चिरायता चूर्ण को 1 गिलास पानी में भिगोकर रात भर रख दे और सुबह में छान कर इस पानी को पिए।
- आप स्वाद के लिए इसमें मिश्री मिलाकर भी इस पानी का सेवन कर सकते है। त्वचा के सभी विक़ार इसके सेवन से दूर हो जाते हैं।
सुजन में लाभकारी
- चिरायता का आधा चम्मच चूर्ण (Chirata Powder) सुबह शाम लेने से अमाशय की सुजन में आराम मिलता है।
- चिरायता और सोंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें और प्रतिदिन दो से तीन बार इसका सेवन करे। इससे किसी भी तरह की सुजन में आराम मिलता है।
मलेरिया में आराम
- चिरायता के सेवन से किसी भी तरह का बुखार जल्दी ठीक हो जाता है इसका सेवन करना मलेरिया के ज्वर में भी राहत दिलाता है।
- इसके लिए एक कप चिरायता के काढ़े का सेवन दो से तीन बार नियमित रूप से करे।
- सामान्य बुखार में भी चिरायता के पाउडर को रात में पानी में भिगोकर रख दे और सुबह में इसे छान कर 3 से 4 चम्मच तीन बार पिए। इससे बुखार जल्दी उतर जाता है।
पेट के कीड़े खत्म करे
- अगर पेट में कीड़ों की समस्या है तो इसके लिए चिरायता बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
- इससे राहत के लिए चिरायता चूर्ण, तुलसी के पत्तों का रस, नीम की छाल का काढ़ा और थोड़ा सा नीम का तेल मिलाकर इन्हें पीने से पेट के कीड़े मर जाते है।
वजन कम करने में लाभकारी
- चिरायता में मेथनॉल मौजूद होता है जो वजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- इसके साथ इसे चयापचय को बेहतर करने मैं कारगर माना जाता है।
- वजन को कम करने के लिए इसका सेवन करना लाभकारी होता है।
वात-कफ में लाभकारी
- चिरायता, सुगन्धबाला, गिलोय, नागरमोथा, कटाई, सरिवन, कटेली, गोखरू, सोंठ और पिठवन को लेकर हल्का- हल्का कूटकर काढ़ा बनाकर पीने से वात-कफ के बुखार से आराम मिलता है।
- ये सभी चीजे आपको बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
कैंसर और ट्यूमर से बचाव
- चिरायता में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है, ये पोषक तत्व कैंसर को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करते है।
- अध्ययन में पाया गया है की इसमें मौजूद ये तत्व कैंसर से लड़ने में मददगार होते हैं। इसके अलावा इसमें कई किस्म के एंटीआक्सीडेंट एसिड, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, तेल, रसायन आदि होते है जो कि इस बीमारी से बचाव के जरूरी है।
लीवर को रखे सुरक्षित
- चिरायता लीवर के लिए बहुत अच्छा होता है।
- यह लीवर की कई बीमारियों को ठीक करने में लाभदायक होता है।
कब्ज में फ़ायदेमंद
- चिरायता के सेवन से कब्ज, एसिडिटी को दूर किया जा सकता है।
- यह पाचन तन्त्र को मजबूत भी बनाता है।
तो ये थे चिरायता से मिलने वाले स्वास्थ लाभ। अगर आपको भी लेख में बताई गई समस्याएं हैं तो चिरायता के माध्यम से आप इस समस्याओं को आप आसानी से दूर कर सकते हैं।