Prostate Cancer in Hindi: प्रोस्टेट ग्रंथि में होने वाले कैंसर से कैसे करें बचाव

Prostate Cancer in Hindi: प्रोस्टेट ग्रंथि में होने वाले कैंसर से कैसे करें बचाव

प्रोस्टेट नाम की एक ग्रंथि होती है, और इसी ग्रंथि से सम्बंधित होता है प्रोस्टेट कैंसर। यह प्रोस्टेट ग्रंथि दरअसल सिर्फ पुरूषो में हीं पाई जाती है, और यह पुरुषों के प्रजनन तंत्र का एक अहम् हिस्सा होती है।

यह पुरुषों के मूत्राशय के निचले हिस्से तथा मलाशय के बिलकुल सामने होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि जिसे हिंदी में पौरूष ग्रंथि भी कहते हैं मूत्रमार्ग के चारों तरफ होता है। वीर्य पुटिका ग्रंथि जिसे Semen vesicle gland भी कहते हैं वीर्य का निर्माण करती है, और यह पौरूष ग्रंथि के पीछे स्थित होती है।

प्रोस्टेट कोशिकाओं के नए तरह की कोशिकाओं में अनकंट्रोल्ड तरीके से बदल जाना हीं दरअसल मुख्य Prostate Cancer Causes होता है। यह कैंसर कोशिकाएं अपने आस-पास मौजूद ऊतकों को हानि तो पहुंचाती ही है और साथ ही यह उन्‍हें अपने अन्दर समा लेती हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के दरअसल कई प्रकार भी हो सकते है, और अक्सर यह आपके प्रोस्टेट ग्रंथि के अलग अलग हिस्सों में मौजूद रहते है। आज के इस लेख में हम इसी प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को जानने की कोशिश करेंगे। आइये पढ़ें Prostate Cancer in Hindi.

Prostate Cancer in Hindi: प्रोस्टेट कैंसर क्या है, जाने इसके लक्षण और बचाव

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क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर

  • जैसा की हमने लेख के आरम्भ में बताया की प्रोस्टेट नाम की एक ग्रंथि होती है पुरुषों में जो वो तरल पदार्थ बनाती है, जिसमें शुक्राणु पाए जाते हैं।
  • प्रोस्टेट ग्रंथि दरअसल मूत्राशय के नीचे अवस्थित होता है और इसका साइज अखरोट की तरह का होता है।
  • सामान्य तौर पर आयु के बढ़ने के साथ साथ प्रोस्टेट कैंसर के हो जाने की संभावना भी ज्यादा बढ़ जाती है।
  • परन्तु आजकल की अजीब लाइफ स्टाइल की वज़ह से तो यह समस्या किसी भी आयु में लोगों को हो सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर के खतरे

  • प्रोस्टेट ग्रंथि की किसी भी प्रकार की समस्या थोड़ी तकलीफ़देह तो होती ही है, परन्तु अगर आप इसके इलाज में थोड़ी सी भी कोताही बरतते हैं तो यह Prostate Cancer में परिवर्तित हो जाता है और यह जानलेवा भी साबित होता है।
  • इसलिए इस बात पर ध्यान देने की जरुरत होती है की प्रोस्टेट ग्रंथि में होने वाली किसी प्रकार की समस्या का समय रहते पहचान कर के उसकी उचित चिकित्सा कराई जाए।
  • दिल्ली के कैंसर रजिस्ट्री के मुताबिक़ पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के बाद प्रोस्टेट कैंसर दूसरी सबसे बड़ी बीमारी होती है।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

  • Prostate Cancer Symptoms का पता अगर इस बीमारी के शुरूआती दिनों में ही चल जाए तब इसके उपचार में बहुत आसानी हो जाती है।
  • ज्यादातर ऐसा देखा गया है की प्रोस्टेट कैंसर करीब 50 वर्ष की आयु को पार कर लेने के बाद हीं पुरूषों में होती है।
  • इसके होने के लक्षणों का सही सही पता लगाने के लिए संभावित व्यक्ति के खून की जांच के साथ साथ यूरीनरी सिस्टम का अल्ट्रासाउंड भी करवा कर देखना चाहिए।
  • यदि व्यक्ति के इन सभी जांचों में किसी प्रकार की कोई कमी पायी जाती है, तब उसे किसी अच्छे यूरोलॉजिस्ट से इसका उपचार करवाना चाहिए।
  • Signs of Prostate Cancer एक मुख्य यह होता है की इसके होने पर रात के समय में पेशाब करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
  • रात के समय बार-बार पेशाब का आते रहना और व्यक्ति का आम दिनों की तुलना में बहुत अधिक पेशाब करना भी इसका एक प्रमुख लक्षण है ।
  • इसके अलावा पेशाब करने में परेशानी भी होती है और पेशाब को रोक पाना संभव नही रह जाता है, अर्थात पेशाब को रोक कर रखने में बहुत ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
  • इस दौरान पेशाब रुक-रुक कर भी आता है, और इसे हीं कमजोर या फिर टूटती मूत्रधारा के नाम से भी जानते हैं।
  • इस दौरान पेशाब करते समय जलन का अनुभव भी होता है।
  • पेशाब करते समय पेशाब के साथ खून निकलने लगता है और वीर्य में भी खून निकलने की शिकायत हो जाती है।
  • इस दौरान शरीर में हमेशा दर्द बना रहता है।
  • कमर के निचले भाग या कूल्हे और जांघों के ऊपरी भाग में जकड़न सी महसूस होती रहती है ।

किन कारणों से होते हैं प्रोस्टेट कैंसर

  • प्रोस्टेट कैंसर के हो जाने के सही सही वजहों का तो अभी तक पता नहीं चल पाया है परन्तु कुछ ऐसे कारण हैं जो इस प्रकार के कैंसर के लिए जोखिम कारक माना जाता हैं।
  • इन कारणों में से धूम्रपान करना, मोटापा, सेक्स के समय फैला वायरस या फिर शारीरिक आलस यानी की व्यायाम न करना आदि मुख्य हैं जिनकी वज़ह से प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है।
  • कभी-कभी इसके होने की वज़ह पुरूषों के द्वारा असुरक्षित तरीके से करवाई गई नसबंदी भी हो सकती है।
  • यदि आपके फैमली में किसी व्यक्ति को पहले भी प्रोस्टेट कैंसर की समस्या हुई है तो परिवार के किसी भी सदस्य को इस कैंसर के होने का खतरा बना रहता है।
  • इसके अलावा ज्यादा वसायुक्त मांस का सेवन करने से भी प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
  • जिन पुरूषों में प्रजनन करने की क्षमता कम होती है उनको प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।

प्रोस्टेट कैंसर का उपचार

  • बुढापे की अवस्था में प्रोस्टेट कैंसर की समस्या के होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
  • यदि पीड़ित व्यक्ति में प्रोस्टेट कैंसर के होने का पता स्टेज-1 या फिर स्टेज-2 में चल जाता है तब इसका अच्छा उपचार रैडिकल प्रोस्टेक्टमी नाम के एक ऑपरेशन के द्वारा होता है।
  • परन्तु अगर पीड़ित व्यक्ति में प्रोस्टेट कैंसर के होने का पता स्टेज-3 या फिर स्टेज-4 में चले तो इसका इलाज हार्मोनल थेरैपी से किया जाना सही होता है।
  • जैसा की आप जानते है कि प्रोस्टेट कैंसर वाली कोशिकाओं की खुराक टेस्टोस्टेरान नामक हार्मोन से पूरी होती है। इसलिए अगर पीड़ित पुरुष के टेस्टिकल्स को अगर बाहर निकाल दिया जाए तो इससे कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • इसके अलावा खान-पान और लाइफ स्टाइल में परिवर्तन ला कर भी प्रोस्टेट कैंसर की संभावनाओं और खतरों को कम किया जा सकता है।
  • इस बीमारी में अधिक चर्बी वाले मांस को खाने से परहेज रखना चाहिए और इसके साथ धूम्रपान और तंबाकू का सेवन भी बंद कर देना चाहिए।
  • यदि आपको लगता है की आपको प्रोस्टेट कैंसर के होने की किसी प्रकार की आशंका है तो अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क जरूर करें और Prostate Cancer Treatment शुरू करवा दें।

आज के इस लेख में आपने जाना प्रोस्टेट कैंसर के बारे में, साथ हीं आपने इसके होने के कारण और और इससे बचाव के लिए ध्यान देने वाली बातें भी जानी। अब अगर आपको या आपके परिवार में किसी को इस तरफ की समस्या हो तो आप तुरंत इसके बचाव के लिए बताये गए बातों के अनुसार अपना या अपने परिवार के सदस्य का ख्याल रखना शुरू कर दें।

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